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हिन्दी

आत्म दीपो भव:

4.1
2048

बनवारी कल रात से खाँस-खाँस कर दुहरा हुआ जा रहा है | पिछले कई दिनों से ये सिलसिला चल रहा है | अब जैसे-जैसे चौमासा हवा में उतरेगा उसका यही हाल होगा, अभी तो जाड़ा अपने गुलाबी ख़ुमार पर ही है | कुछ दिन बाद ...

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लेखक के बारे में
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रजनी मोरवाल

जन्म-तिथि : 1 अगस्त जन्म-स्थान : आबूरोड़ (राजस्थान) शिक्षा : एम.ए.(हिन्दी), बी.एड. संप्रति : शिक्षिका प्रकाशित कृति : - काव्य-संग्रह - “सेमल के गाँव से” - गीत-संग्रह - “धूप उतर आई” एवं “अँजुरी भर प्रीति” - सतसई - “खुले नए आयाम" - नवगीत-संग्रह - "फुनगियों पर सर्द है मौसम" शीघ्र प्रकाश्य - कहानी-संग्रह - "कुछ तो बाकि है..." शीघ्र प्रकाश्य सम्मान : भवानी प्रसाद तिवारी सम्मान -२०१४ – कादम्बरी संस्था, जबलपुर द्वारा डॉ.रामेश्वरलाल खण्डेलवाल “तरुण” अखिल भारतीय काव्य पुरस्कार २०१३ गुजरात साहित्य अकादमी पुरस्कार -२०१३, अस्मिता साहित्य सम्मान २०१३ गुजरात साहित्य परिषद कहानी पुरस्कार २०१३ काव्य प्रतियोगिता-२०११-महामहिम श्रीमती (डॉ) कमला बेनीवाल, राज्यपाल, गुजरात द्वारा हिन्दी पर्व पर पुरस्कृत वाग्देवी पुरस्कार-२०११, एवं रामचेत वर्मा गौरव पुरस्कार-२०११ विशेष : गुजरात राज्य शाला पाठ्यपुस्तक मंडल २०१५ में हिंदी कक्षा-५ की पाठ्यपुस्तक का लेखन एवं संपादन - सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में काव्य संग्रहों पर एम.फ़िल. एवं पी. एचडी. प्रसारण : जयपुर दूरदर्शन से गीत प्रसारित एवं महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम- “मेरी आवाज़ सुनो” तथा "धरती धौराँ री" में साक्षात्कार जिसमें महिला सशक्तिकरण में साहित्य के माध्यम से योगदान पर विशेष चर्चा की गई| अहमदाबाद दूरदर्शन से गीत प्रसारित एवं “गुजरात में हिन्दी” विचार-विमर्श कार्यक्रमों में सहभागिता आकाशवाणी - जयपुर, उदयपुर तथा अहमदाबाद आकाशवाणी से गीत प्रसारित | प्रकाशन : - राष्ट्रीय प्रतिष्टित पत्र-पत्रिकाओं में गीत, नवगीत, कविता, दोहे, लघुकथा, कहानी, लेख आदि का निरन्तर प्रकाशन। मधुमती, अक्षरा, समकालीन भारतीय साहित्य, हरिगंधा, साहित्य भारती, साहित्य अमृत, हंस, प्रेरणा, कथा समय, परिंदे, अक्षर पर्व, आजकल, अक्षर शिल्पी, अन्तरा, अभिनव प्रयास, समाज कल्याण, सार्थक, युगीन काव्य, आउटलुक, कथाबिंब, नूतन भाषा-सेतु, गुर्जर राष्ट्रवीणा, वर्तमान साहित्य, समकालीन स्पंदन, पुष्पक, संबोधन, अभिनव प्रसंग, मोमदीप, मरू-गुलशन, शैल-सूत्र, साहित्य समर्था, अक्सर, समकालीन अभिव्यक्ति, संकल्प रथ, साहित्य क्रांति, बाबूजी का भारतमित्र, प्राची, नारी अस्मिता, शुभ तारिका, गोलकोण्डा दर्पण, नारी दर्पण, संरचना, एक और अन्तरीप, सामान्यजन संदेश, विचार विथी, विश्वगाथा, राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति, आदि) - वेब पत्रिकाओं में प्रकाशन – हिन्दी समय, अनुभूति, पूर्वाभास, सृजनगाथा, नवगीत की पाठशाला, अपनी माटी, साहित्य कुञ्ज, हिन्दीNest, नव्या, स्वर्ग विभा, लोकजंग, पी-न्यूज़, आदि में निरन्तर प्रकाशन | अभिरुचियाँ : संगीत सुनना एवं पुस्तकें पढ़ना|

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    26 अक्टूबर 2017
    "क्यों वह आज तक परिस्थितियों को कोसने के बहाने ढूंढता रहा" ..."आत्म दीपो भवः" .....कहानी बहुत अच्छी लगी...क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा है जैसे इस कहानी से मुझे बहुत कुछ मिल गया....,,, शिक्षा प्रद कहानी है यह...।।।
  • author
    रेणु गुप्ता
    28 अक्टूबर 2017
    Beautifully expressed
  • author
    Jaya Rana
    03 नवम्बर 2021
    उम्दा लेखनी, सटीक वर्णन,, आत्म दीपो भव: अपने आप में ही पूरी कहानी है बहोत अच्छे मैम ऐसे ही और लेख लिखते रहिए। साथ ही आपकी लेखनी बहोत प्रभावित करती है
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    26 अक्टूबर 2017
    "क्यों वह आज तक परिस्थितियों को कोसने के बहाने ढूंढता रहा" ..."आत्म दीपो भवः" .....कहानी बहुत अच्छी लगी...क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा है जैसे इस कहानी से मुझे बहुत कुछ मिल गया....,,, शिक्षा प्रद कहानी है यह...।।।
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    रेणु गुप्ता
    28 अक्टूबर 2017
    Beautifully expressed
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    Jaya Rana
    03 नवम्बर 2021
    उम्दा लेखनी, सटीक वर्णन,, आत्म दीपो भव: अपने आप में ही पूरी कहानी है बहोत अच्छे मैम ऐसे ही और लेख लिखते रहिए। साथ ही आपकी लेखनी बहोत प्रभावित करती है