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अतिथि देवो भवः

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शीर्षक -अतिथि देवो भवः अहा! अतिथि देवो भवः! सच में,आज भी,ये बात सुनकर,आनंद आ जाता है आज भी,ये बात देखकर, मन प्रफुलित हो जाता है ll दादी नानी के ज़माने से,हम ये बात, महसूस,करते आ रहे हैं बचपन से ...

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लेखक के बारे में
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Meena (Sumi) Rawlani

क्यों तुम पहचान कर भी अनजान बने रहते हो दोस्ती का मुखौटा पहनकर दुश्मनों सा व्यवहार करने लगते हो ll शायद यही होती है दोस्ती ऐसी कहलाती है दोस्ती पहले दोस्त बनाते हो फिर दुश्मन बनकर पीठ में खंजर घोपने लगते हो l Sumi

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    16 अप्रैल 2023
    अति उत्तम। अतिथि देव भवः।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।बेहतरीन सृजन जयश्रीकृष्ण।
  • author
    Manju Peswani
    17 अप्रैल 2023
    बहुत सुंदर 😘😘😘😘😘
  • author
    Sanjay Ni_ra_la
    17 अप्रैल 2023
    सुन्दर संकलन
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  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    16 अप्रैल 2023
    अति उत्तम। अतिथि देव भवः।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।बेहतरीन सृजन जयश्रीकृष्ण।
  • author
    Manju Peswani
    17 अप्रैल 2023
    बहुत सुंदर 😘😘😘😘😘
  • author
    Sanjay Ni_ra_la
    17 अप्रैल 2023
    सुन्दर संकलन