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अतीत - एक नामुमकिन सच

4.6
24828

मानव और प्रिशा ढलते सूरज की और देखते हुए विक्टोरिया मेमोरियल की बेंच पर बैठे हुए थे. सूरज की लालिमा सामने तालाब के पानी में गिर रही थी जो सचमुच इस पल को कुछ ज्यादा ही रोमांटिक बना रही थी. ऐसे ...

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लेखक के बारे में
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केतन कोठारी
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pooja Kashyap Singh
    13 मे 2020
    बहुत सुंदर लेखन दिल को छूने वाला।
  • author
    Leader Daksh
    13 मार्च 2018
    सच में..... कभी कोई जुदा ना हो इस तरीके से... बहुत मार्मिक कहानी लिखी हैं आप ने सर... रोना आ गया
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    Pooja Kashyap Singh
    13 मे 2020
    बहुत सुंदर लेखन दिल को छूने वाला।
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    Leader Daksh
    13 मार्च 2018
    सच में..... कभी कोई जुदा ना हो इस तरीके से... बहुत मार्मिक कहानी लिखी हैं आप ने सर... रोना आ गया