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अति सर्वत्र वर्जयेत (पोएट्री मैराथन)

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रिश्तों के क्या कहने जोड़ने की कोशिश की बहुत सहे कष्ट भी बहुत जो नहीं  होना चाहिए था वो होते रहे किस्मत मान सहते रहे सहते रहे पर किसी के स्वभाव को बदला नहीं जा सकता जिंदगी है विचित्र विधि के ...

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लेखक के बारे में
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Saraswati Mishra

मैं सरस्वती मिश्रा जिला-मधुबनी ग्राम-भोजपंडौल मैं बचपन से पटना में, यहीं पली-बढी।मेरे पिता यहीं उच्च न्यायालय मे कार्यरत थे ।नारी शिक्षा के प्रति काफी रूझान था।हमलोगों को पढने का सुअवसर प्रदान किया। उनके नजर में महिलाओं का पढना बहुत आवश्यक है क्योंकि महिला अगर शिक्षित होंगी तो वो दो कुल को शिक्षित करेंगी । मेरा बचपन पटना में ही गुजरा ।यही से मैं प्रारंभिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा प्राप्त की। पटना विश्वविद्यालय से बी एड एवं मगध विश्व विद्यालय से स्नातकोत्तर की।बचपन से शिक्षिका बनना चाहती थी अपनी माँ के सहयोग से मैं 1974 मे शिक्षिका बनी ।मुझे बच्चों को पढाना बहुत अच्छा लगता था ।मैं अपने कार्य क्षेत्र मे आगे बढना चाहती थी मैं प्रयासरत रही ।कम उम्र में शादी हो चुकी थी बच्चे भी थे ।बहुत सारी कठिनाइयाँ थी फिर भी मैं प्रयासरत रही, माँ एवं भाई बहनों के सहयोग से आगे गयी। 1982ई में मैं गंगा देवी महिला महाविद्यालय में प्राध्यापिका पद पर नियुक्त हुई। मै मैथिली विभाग में प्रथम पद पद पर थी ।2015ई में मैं सेवा निवृत्त हो गयी । मुझे

समीक्षा
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    .
    28 फ़रवरी 2022
    ओह ये रिश्ते भी न कितना दिल दुःखाते हैं कितना भी सम्हालो नाते तोड़ जाते हैं ...... बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया है मनोभावों को 👌👌
  • author
    28 फ़रवरी 2022
    सुंदर सराहनीय लिखा है आपने... जब रिश्ते जुड़े हैं तो टूटेंगे भी... यही कुदरत का कानून है... धन्यवाद🙏💕🙏💕🙏💕
  • author
    Shashi Pandey
    28 फ़रवरी 2022
    बहुत अच्छा लिखा आपने 👌👌👌👌🌺🌺🌺 जिससे दिल न मिले उनसें हाथ मिला के रखने से क्या मतलब
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    28 फ़रवरी 2022
    ओह ये रिश्ते भी न कितना दिल दुःखाते हैं कितना भी सम्हालो नाते तोड़ जाते हैं ...... बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया है मनोभावों को 👌👌
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    28 फ़रवरी 2022
    सुंदर सराहनीय लिखा है आपने... जब रिश्ते जुड़े हैं तो टूटेंगे भी... यही कुदरत का कानून है... धन्यवाद🙏💕🙏💕🙏💕
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    Shashi Pandey
    28 फ़रवरी 2022
    बहुत अच्छा लिखा आपने 👌👌👌👌🌺🌺🌺 जिससे दिल न मिले उनसें हाथ मिला के रखने से क्या मतलब