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अति का अंत निश्चित है

4.8
21

अति का अंत निश्चित है। पापका भी घड़ा जब भरेगा तो फूटेगा जरूर। कंस भी मारा गया, रावण भी मारा गया। प्रत्येक अत्याचारी का अंत हुआ था जरूर। बस यही विश्वास मन में रख लो। हिम्मत अपने मन में भर लो। ...

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लेखक के बारे में
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Madhu Vashishta

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manju Pant
    29 अप्रैल 2021
    बिल्कुल सही कहा है,अति का अंत जरूर होता है, पहले जरुरत मन्दो को दो, अपने पास दवा की जमाखोरी न करो। अन्तिम पंक्तियां बहुत शानदार है।। ,🙏🌹🙏
  • author
    Kiran Pal
    29 अप्रैल 2021
    गुजरता नहीं है लम्हा बदलनी पड़ती है पढ़ने वाली इस किताब कौन नजाने लिख जाता वशिता लेखक का नाम बहुत सुंदर आकर्षक व्यक्तित्व लिखा
  • author
    Jai Bajaj
    29 अप्रैल 2021
    "बस थोड़ा समय अंधकार का, उजाला आने ही वाला है।" बहुत सुंदर पंक्तियां
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    Manju Pant
    29 अप्रैल 2021
    बिल्कुल सही कहा है,अति का अंत जरूर होता है, पहले जरुरत मन्दो को दो, अपने पास दवा की जमाखोरी न करो। अन्तिम पंक्तियां बहुत शानदार है।। ,🙏🌹🙏
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    Kiran Pal
    29 अप्रैल 2021
    गुजरता नहीं है लम्हा बदलनी पड़ती है पढ़ने वाली इस किताब कौन नजाने लिख जाता वशिता लेखक का नाम बहुत सुंदर आकर्षक व्यक्तित्व लिखा
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    Jai Bajaj
    29 अप्रैल 2021
    "बस थोड़ा समय अंधकार का, उजाला आने ही वाला है।" बहुत सुंदर पंक्तियां