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अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते

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ख़ातिर से तेरी याद को टलने नहीं देते सच है कि हम ही दिल को संभलने नहीं देते आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते अरमान मेरे दिल का निकलने नहीं देते किस नाज़ से कहते हैं वो झुंझला के शब-ए-वस्ल तुम तो ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : अकबर हुस्सैन रिज़वी उपनाम : अकबर अलाहाबादी जन्म : 16 नवंबर 1846 देहावसान: 15 फरवरी 1921 भाषा : उर्दू विधाएँ : ग़ज़ल, शायरी अकबर अलाहाबादी उर्दू व्यंग्य के अग्रणी रचनाकारों में से एक हैं, इनके काफी शेरों एवम ग़ज़लों में सामाजिक दर्द को सरल भाषा में हास्यपूर्क ढंग से उकेरा गया है। "हंगामा है क्यूं बरपा" इनकी मशहूर ग़ज़लों में से एक है

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Bhagya Shree Ratnakar
    21 जनवरी 2019
    kuch shbdo ka mtlab smjh me nhi aya pr kvita bhut acchi lgi sir
  • author
    Jyoti Sharma
    05 सितम्बर 2022
    बेहतरीन l
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    Bhagya Shree Ratnakar
    21 जनवरी 2019
    kuch shbdo ka mtlab smjh me nhi aya pr kvita bhut acchi lgi sir
  • author
    Jyoti Sharma
    05 सितम्बर 2022
    बेहतरीन l