pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अर्जुन का लक्ष्य

5
10

जब भी लक्ष्य की बात होती है, सबसे पहले अर्जुन का लक्ष्य भेद याद आता है। जिस तरह से अर्जुन ने मछली की आंख पर अपनी निगाह बनाकर लक्ष्य भेदन किया और अपनी परीक्षा में सफलता पाई। वैसा ही  कुछ किसी भी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

श्रीमती सुबोध चतुर्वेदी ,कथाकार ,कवियित्री हैं ,उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है | 'एक और बसंत ",तथा "अपना आकाश " ,काव्य संकलन एवं "नियति-चक्र " तथा "जाहि विधि राखे राम ",कथा -संकलन प्रकाशित हो चुके हैं | अन्य कथा संकलन "धूप छांह ","मृग तृष्णा " नाम से प्रकाशित हुए हैं |एक उपन्यास "लतिका " नाम से प्रकाशित हुआ है। एक नवीन काव्य संग्रह "सुबोधिनी" नाम से प्रकाशित हो चुका है।संस्मरण की पुस्तक "सुधियों के दीप"नाम से प्रकाश में आ चुकी है,जिसे पाठकों का भरपूर प्यार मिला है। "आपको पुरस्कृत भी किया जा चुका है |आपकी कुल नौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    JETHARAM MANARAM "CHOUDHARY"
    01 सितम्बर 2021
    अति सुन्दर रचना लिखी है आपने जी बहुत बढ़िया सा मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आप हमेशा ऐसे ही सुन्दर कोमल हाथों से सुन्दर रचना लिखते रहे
  • author
    Jitendra Mishra
    01 सितम्बर 2021
    बहुत अच्छा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    JETHARAM MANARAM "CHOUDHARY"
    01 सितम्बर 2021
    अति सुन्दर रचना लिखी है आपने जी बहुत बढ़िया सा मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आप हमेशा ऐसे ही सुन्दर कोमल हाथों से सुन्दर रचना लिखते रहे
  • author
    Jitendra Mishra
    01 सितम्बर 2021
    बहुत अच्छा