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हिन्दी

अर्द्धांगिनी

4.5
44758

एक ऐसी स्त्री की कहानी जिसने मुश्किल घड़ियों में ना सिर्फ़ पति का साथ दिया, अपितु घर की समस्त जवाबदारियाँ भी अपने ऊपर ले लीं...।

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लेखक के बारे में

एक लम्बे समय से हिन्दी तथा अंग्रेजी में कविता, कहानियाँ लिखती आई हूँ। अधिकतर ब्लॉग, आनलाईन और सोशल साईटस पर साझा कर लेती हूँ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sayam Bihari
    10 जनवरी 2019
    अच्छी कहानी।बेहतर प्रस्तुति ।भावों का प्रवाह अच्छा । प्रेरित करती है और सच्चे मन से ईश्वर के प्रति आस्था पैदा करने में समर्थ । धन्यवाद ।
  • author
    Ajay Singh
    05 मार्च 2019
    प्रेम सस्पेंस स्त्रीविमर्श सामाजिक सभी रूप से उत्कृष्ट कहानी
  • author
    Vidhyanshi
    21 मार्च 2019
    lehro se darr k nauka paar nahi hoti ye rachna Shri Sohan Lal Diwedi ji ki hai Bachchan ji ki nahi
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    Sayam Bihari
    10 जनवरी 2019
    अच्छी कहानी।बेहतर प्रस्तुति ।भावों का प्रवाह अच्छा । प्रेरित करती है और सच्चे मन से ईश्वर के प्रति आस्था पैदा करने में समर्थ । धन्यवाद ।
  • author
    Ajay Singh
    05 मार्च 2019
    प्रेम सस्पेंस स्त्रीविमर्श सामाजिक सभी रूप से उत्कृष्ट कहानी
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    Vidhyanshi
    21 मार्च 2019
    lehro se darr k nauka paar nahi hoti ye rachna Shri Sohan Lal Diwedi ji ki hai Bachchan ji ki nahi