pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

आराधना

4.5
832

जब मैं आँगन में पहुँची, पूजा का थाल सजाए। शिवजी की तरह दिखे वे, बैठे थे ध्यान लगाए॥ जिन चरणों के पूजन को यह हृदय विकल हो जाता। मैं समझ न पाई, वह भी है किसका ध्यान लगाता? मैं सन्मुख ही जा बैठी, कुछ ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मूल नाम : सुभद्रा कुमारी चौहान जन्म : 16 अगस्त 1904, इलाहाबाद(उत्तर प्रदेश) देहावसान : 15 फरवरी 1948, जबलपुर(मध्य प्रदेश) भाषा : हिन्दी विधाएँ : कविता, कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं हिन्दी भाषा की एक सुप्रसिद्ध रचनाकार हैं, इनकी कविता झाँसी की रानी एक कालजयी रचना मानी जाती है। इनके सम्मान में भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी किया हुआ है, और साथ ही साथ भारतीय नवसेना ने अपने एक तट-रक्षक जहाज का नाम भी इनके नाम पर रखा है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पूनम रानी
    19 मई 2020
    निःशब्द करती रचना🙏
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    29 अक्टूबर 2023
    अत्यन्त ही सुन्दर हृदयस्पर्शी एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति । हार्दिक साधुवाद
  • author
    निजा
    10 अगस्त 2018
    दिल को लुभा देने वाली कहानी
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    पूनम रानी
    19 मई 2020
    निःशब्द करती रचना🙏
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    29 अक्टूबर 2023
    अत्यन्त ही सुन्दर हृदयस्पर्शी एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति । हार्दिक साधुवाद
  • author
    निजा
    10 अगस्त 2018
    दिल को लुभा देने वाली कहानी