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अप्पी बाई का कोठा - द्वितीय संस्करण

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"बहन ये पित्रद्रोही किसी परिस्थिति में जीवित नहीं बचना  चाहिए " हिरण्यकश्यप ने गर्जना की। "ऐसा ही होगा भ्राता" कहकर होलिका प्रह्लाद को गोद में लिए अग्नि की तीव्र लपटों में प्रवेश कर गयी। उसकी ...

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लेखक के बारे में

engineer by compulsion ,writer by choice. मुंशी प्रेमचंद का दीवाना।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sanjeev Kumar "Guddu"
    01 अप्रैल 2021
    बहुत ही बेहतरीन, इससे ज्यादा कहने की स्थिति में नहीं हूं,मन भाव विभोर हो गया है 🙏🙏🙏
  • author
    Vivek Malik
    27 मार्च 2021
    इस भाग को पढ़ने की इच्छा इसके टीज़र को पढ़ने के बाद से ही थी... पिछली बार की ही तरह इस बार भी कहानी के साथ न्याय किया है.. एक शानदार कहानी.. कृपया मेरी रचना "NH 30 का रहस्य" भी पढ़िए (सात भाग मे प्रकाशित रचना एक हॉरर मर्डर मिस्ट्री है)
  • author
    सार्थक
    28 मार्च 2021
    wah kya baat hai....apna hero phir se dhua dhua kr dala sbko....❣️❣️....is pr to webseries bnni cahiye bhokal jesi...mjja aa jayega dekh kr hi
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    Sanjeev Kumar "Guddu"
    01 अप्रैल 2021
    बहुत ही बेहतरीन, इससे ज्यादा कहने की स्थिति में नहीं हूं,मन भाव विभोर हो गया है 🙏🙏🙏
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    Vivek Malik
    27 मार्च 2021
    इस भाग को पढ़ने की इच्छा इसके टीज़र को पढ़ने के बाद से ही थी... पिछली बार की ही तरह इस बार भी कहानी के साथ न्याय किया है.. एक शानदार कहानी.. कृपया मेरी रचना "NH 30 का रहस्य" भी पढ़िए (सात भाग मे प्रकाशित रचना एक हॉरर मर्डर मिस्ट्री है)
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    सार्थक
    28 मार्च 2021
    wah kya baat hai....apna hero phir se dhua dhua kr dala sbko....❣️❣️....is pr to webseries bnni cahiye bhokal jesi...mjja aa jayega dekh kr hi