1. मैं सरकार का छोटा सा मुलाजिम था। घर से हज़ार किलोमीटर दूर नौकरी करने आया था जामनगर । पुलिस विभाग के एस०पी० कार्यालय में एक कांस्टेबल के तौर पे मेरी नियुक्ति हुई थी । एस०पी० साहब जटाशंकर को ...
एक सुलझे हुए दिमाग़ की लिखी हुई कहानी है। उपन्यास का-सा आनंद दे गयी। छोटे-छोटे मोड़ अप्रत्याशित थे, साहसिक भी, सुंदर भी। कथोपकथन में बनावट न थी। पात्रों की कुटिलता और सौम्यता, दोनों ही कथा की सुंदर अभिव्यक्ति का माध्यम बने हैं..........
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
वाह, कोठा शीर्षक से आपको लेकर वितिष्णा भी हुई पर पता नहीं क्यों पढ़ने लगा, फर्क प्रारंभ किया तो अंत कर के ही थमा यहाँ तक कि आपके अवरोध भी बुरे लगे
सच में अति सुंदर कथानक
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
एक सुलझे हुए दिमाग़ की लिखी हुई कहानी है। उपन्यास का-सा आनंद दे गयी। छोटे-छोटे मोड़ अप्रत्याशित थे, साहसिक भी, सुंदर भी। कथोपकथन में बनावट न थी। पात्रों की कुटिलता और सौम्यता, दोनों ही कथा की सुंदर अभिव्यक्ति का माध्यम बने हैं..........
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
वाह, कोठा शीर्षक से आपको लेकर वितिष्णा भी हुई पर पता नहीं क्यों पढ़ने लगा, फर्क प्रारंभ किया तो अंत कर के ही थमा यहाँ तक कि आपके अवरोध भी बुरे लगे
सच में अति सुंदर कथानक
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
अपने प्रिय लेखक को सब्सक्राइब करें और सुपरफैन बनें !
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या