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अपूर्ण कहानी

4.6
3628

मेरी नींद रोज़ सुबह अपने आप 6 बजे से पहले खुल जाती है, पुरानी आदत है, पर जब तक मैडम थीं तो एक आदत थी कि जब तक वो हमें कॉल न करतीं और हमें गुड मॉर्निंग न बोलतीं हम बिस्तर नहीं छोड़ा करते। लेटे लेटे वो ...

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लेखक के बारे में
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Mukesh Gupta
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Klpana Shukla
    26 செப்டம்பர் 2018
    Nice
  • author
    Janki Rawat
    23 செப்டம்பர் 2018
    बहुत ही भावपूर्ण रचना। मुझे ये कहानी न लगकर आपबीती लग रही है। आपकी पहली रचना और इतनी सुंदर।
  • author
    Anupma Tiwari
    06 ஜனவரி 2019
    इसमे इतना दर्द है जो सिर्फ आप बीती वाला ही समझ सकता हैं। बेहद दर्द भरा।
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Klpana Shukla
    26 செப்டம்பர் 2018
    Nice
  • author
    Janki Rawat
    23 செப்டம்பர் 2018
    बहुत ही भावपूर्ण रचना। मुझे ये कहानी न लगकर आपबीती लग रही है। आपकी पहली रचना और इतनी सुंदर।
  • author
    Anupma Tiwari
    06 ஜனவரி 2019
    इसमे इतना दर्द है जो सिर्फ आप बीती वाला ही समझ सकता हैं। बेहद दर्द भरा।