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अपने मन को समझायें

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अपने मन को समझायें कि जिसके लिए उलझ रहा है, वह सिर्फ भोग के लिए है, एक समय में एक ही वस्तु का भोग कर सकता है, अपने को एक पर ही केंद्रित करें, इधर उधर भाग दौड़ न करें, शान्ति से रहे, बेचैन  न हो, भाई ...

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लेखक के बारे में
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Ashwani Kumar

Mai

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    sarita chand
    28 जून 2025
    बिल्कुल सही लिखा आपने 👍👍🙏
  • author
    महेश समीर
    29 जून 2025
    बहुत सुंदर
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    sarita chand
    28 जून 2025
    बिल्कुल सही लिखा आपने 👍👍🙏
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    महेश समीर
    29 जून 2025
    बहुत सुंदर