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अपने अपने राम : भगवान सिंह शानदार उपन्यास

4.7
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मिथक और चरित्र किसी जाति, कौम और धर्म की मिल्कियत बन जाते हैं, जबकि कुछ मिथक, चरित्र और धर्म सार्वजनिक होने के कारण हरेक व्यक्ति का ...

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लेखक के बारे में

राजनारायण बोहरे जन्म-20 सितम्बर ★ शिक्षा-हिन्दी में स्नातकोत्तर, विधि एवम पत्रकारिता में स्नातक ¶ प्रकाशन - कहानी संग्रह: इज़्ज़त-आबरू, गोस्टा तथा अन्य कहानियाँ, हादसा , मेरी प्रिय कथाएँ,हल्ला● उपन्यास : मुखबिर, अस्थान,आड़ा वक्त● एवं अंतरिक्ष में डायनासौर, जादूगर जंकाल और सोनपरी, रानी का प्रेत, सुनसान इमारत (बाल उपन्यास) ● बाल कहानी संग्रह : आर्यावर्त की रोचक कथाएँ● पुरस्कार- मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन भोपाल का "वागीश्वरी पुरस्कार" ★ साहित्य अकादेमी (मप्र संस्कृति परिषद, मप्र शासन ) का "सुभद्राकुमारी चौहान पुरस्कार" ★ विशेष- बाल उपन्यास अंतरिक्ष में डायनासौर का अंग्रेजी अनुवाद -Dinosaurs in space ◆ सम्प्रति- असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी से स्वेच्छा से सेवा निवृति बाद लेखन® सम्पर्क- एल आय जी 19, ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, दतिया मध्यप्रदेश 475661 ∆ मोबाइल: 98266_89939 E-mail: [email protected] ©©©

समीक्षा
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    Ramgopal Bhavuk
    22 जुलाई 2020
    सबके राम अपने होते, वाल्मीकि, तुलसी, निराला,राधेश्याम रामायण और भगवान सिंह सहित नरेंद्र कोहली के भी, वआआह
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    Ramgopal Bhavuk
    22 जुलाई 2020
    सबके राम अपने होते, वाल्मीकि, तुलसी, निराला,राधेश्याम रामायण और भगवान सिंह सहित नरेंद्र कोहली के भी, वआआह