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अपना घर है स्वर्ग से सुंदर

4.9
726

सुधा आज बड़ी खुश थी। और हो भी क्यों नहीं ? उसके बेटे शेखर के विवाह की प्रथम वर्षगांठ जो आने वाली थी 1 फरवरी को। खुशी और उमंग से चेहरा दमक रहा था उसका । पांव थे कि जमीन पर पड़ते ही नहीं थे । मानो ...

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लेखक के बारे में
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श्री हरि

हरि का अंश, शंकर का सेवक हरिशंकर कहलाता हूँ अग्रसेन का वंशज हूँ और "गोयल" गोत्र लगाता हूँ कहने को अधिकारी हूँ पर कवियों सा मन रखता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैं दिल से करता हूँ ।। गंगाजल सा निर्मल मन , मैं मुक्त पवन सा बहता हूँ सीधी सच्ची बात मैं कहता , लाग लपेट ना करता हूँ सत्य सनातन परंपरा में आनंद का अनुभव करता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैंदिल से करता हूँ

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    shrishti upashyay
    09 अप्रैल 2020
    yahi to baat humlog k generation ki mom dad ki value nai karte ....but shukra hai main mere sasu maa ko poora time deti hu
  • author
    Shashi Kumari
    07 अक्टूबर 2024
    kuch sabd nhi h likhne ko... ache logon k sath bura...or bure logo k sath acha ..yhi hota h ...na jane q
  • author
    मीना मल्लवरपु
    25 मई 2020
    beautiful story..ज़िन्दगी का सच है ,जितनी जल्दी समझ जाएं उतना अच्छा!
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    shrishti upashyay
    09 अप्रैल 2020
    yahi to baat humlog k generation ki mom dad ki value nai karte ....but shukra hai main mere sasu maa ko poora time deti hu
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    Shashi Kumari
    07 अक्टूबर 2024
    kuch sabd nhi h likhne ko... ache logon k sath bura...or bure logo k sath acha ..yhi hota h ...na jane q
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    मीना मल्लवरपु
    25 मई 2020
    beautiful story..ज़िन्दगी का सच है ,जितनी जल्दी समझ जाएं उतना अच्छा!