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अपना धनिया

4.6
11372

एक छोटा सा मासूम सा चेहरा एकटक मेरी और मेरे भाई बहनों की किताबों की तरफ देखे जा रहा था। 10 साल के छोटे से बच्चे को किताबों की तरफ इस तरह से देखते हूंए मुझे थोड़ी सी उत्सुकता हुई।  मैंने उसे पास ...

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लेखक के बारे में
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सतीश यादव

मै प्रोफेसनल लेखक नहीं हूं। मै तो एक सरकारी कर्मचारी हूं जो खाली समय में कुछ लिखने की कोशिश करता रहता हूं। आप सब प्रिय पाठकों की अमूल्य समीक्षायें मुझे हमेशा उत्तरोत्तर सुधार, मार्गदर्शित और प्रेरित करती हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manisha Melodious
    11 फ़रवरी 2021
    कहानी ऐसी लगती है जैसेअपने आसपास ही घटित हुई हो । क्या मै इसे आपके नाम के साथ सुना सकती हूँ। मेरा यूट्यूब पर चैनल है जिसमे मै कहानियाँ सुनाती हूँ
  • author
    11 फ़रवरी 2021
    जाति वाद को खत्म करके सबको एक समान देखना चाहिए हमारे समाज की सबसे बड़ी गंदगी भेदभाव व् जातिवाद है जिसे खत्म करना सिर्फ एक सपने के समान है इसको खत्म करना शायद में बस में नही है लेकिन इसे जड़ से उखाड़ने के लिए नीव जरूर डालूंगा
  • author
    Sushma Aswal
    11 फ़रवरी 2021
    excellent story..good luck to writer..such work inspires young generation to step forward in the field of social service.
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    Manisha Melodious
    11 फ़रवरी 2021
    कहानी ऐसी लगती है जैसेअपने आसपास ही घटित हुई हो । क्या मै इसे आपके नाम के साथ सुना सकती हूँ। मेरा यूट्यूब पर चैनल है जिसमे मै कहानियाँ सुनाती हूँ
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    11 फ़रवरी 2021
    जाति वाद को खत्म करके सबको एक समान देखना चाहिए हमारे समाज की सबसे बड़ी गंदगी भेदभाव व् जातिवाद है जिसे खत्म करना सिर्फ एक सपने के समान है इसको खत्म करना शायद में बस में नही है लेकिन इसे जड़ से उखाड़ने के लिए नीव जरूर डालूंगा
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    Sushma Aswal
    11 फ़रवरी 2021
    excellent story..good luck to writer..such work inspires young generation to step forward in the field of social service.