आखों में आंसू लेकर चला जा रहा था विशाल ,उसके मन में बार बार छाया के शब्द गूंज रहे –“मैंने तुम्हे क्या समझा था विशाल और तुम क्या निकले ? कितना भरोसा किया था मैंने तुम पर किन्तु तुम भी बाकी लड़कों जैसे ...
पेशे से आयुर्वेद का डॉक्टर मन में उठते विचारों को लिपिबद्ध कर देना मेरा शौक है l
ये शौक कभी हारने नहीं देता l
जब लगता है सब खत्म तभी फिर से जीतने की जिद आँखों की नींद उड़ा देती है l
सारांश
पेशे से आयुर्वेद का डॉक्टर मन में उठते विचारों को लिपिबद्ध कर देना मेरा शौक है l
ये शौक कभी हारने नहीं देता l
जब लगता है सब खत्म तभी फिर से जीतने की जिद आँखों की नींद उड़ा देती है l
रिपोर्ट की समस्या
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