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अंतिम यात्रा

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था मैं नींद में मुझे इतना सजाया जा रहा था बड़े प्यार से मुझे नहलाया जा रहा था ना जाने था वो कौन सा अजब खेल मेरे घर में बच्चों की तरह मुझे कंधो पर उठाया जा रहा था था पास मेरा हर अपना उस वक़्त फिर भी ...

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लेखक के बारे में
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समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ali shah "علی"
    10 अगस्त 2021
    बहूत खूबसूरती से सच्चाई बयान की है आपने बहूत खूब वाह
  • author
    11 अगस्त 2021
    waah bahut hi gazab or yatharth likha hai
  • author
    Dhanℜäj•༒ ♥️࿐
    10 अगस्त 2021
    jabrdas rachna h, bs chhoti h
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  • author
    Ali shah "علی"
    10 अगस्त 2021
    बहूत खूबसूरती से सच्चाई बयान की है आपने बहूत खूब वाह
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    11 अगस्त 2021
    waah bahut hi gazab or yatharth likha hai
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    Dhanℜäj•༒ ♥️࿐
    10 अगस्त 2021
    jabrdas rachna h, bs chhoti h