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" इन्ही लोगों ने..इन्ही लोगों....।" पुरे बाजार में रोशनीयों की जगमगाहट के बीच गीतों का शोर और शराब की महक छायी हुई थी " आओ ..आओ दोस्त आज तुम्हे जहन्नूम में जन्नत के दीदार कराये !" केशव ने गांव से ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    24 जनवरी 2022
    बदनाम गलियों में बंद मजबूर लड़कियां कितनी दुखी होती है आपने अपनी रचना में सुंदर ढंग से दिखाया बधाई
  • author
    Ritu Thakur
    02 अक्टूबर 2019
    बहुत बढ़िया मा तो मा होती है
  • author
    Mithilesh Kumari
    18 फ़रवरी 2020
    सुंदर अभिवयक्ति।
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    Dr Sushil Chandra Gupta "Gupta"
    24 जनवरी 2022
    बदनाम गलियों में बंद मजबूर लड़कियां कितनी दुखी होती है आपने अपनी रचना में सुंदर ढंग से दिखाया बधाई
  • author
    Ritu Thakur
    02 अक्टूबर 2019
    बहुत बढ़िया मा तो मा होती है
  • author
    Mithilesh Kumari
    18 फ़रवरी 2020
    सुंदर अभिवयक्ति।