pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अनोखी दिशा

5
56

अनोखी दिशा         शाम का धुंधलका घिरने लगा था .बस स्टॉप पर बस आते ही शिप्रा जल्दी से उसमे चढ़ी . सीट पर बैठते ही अचानक शिप्रा का ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
shailesh srivastava

जिंदगी अनेक रंगो की एक खूबसूरत रंगोली है, हर रंग को जिए, इसे बदरंग न होने दे.. 1 धुंधली रेखा 2. 1922 भास्कर की प्रभा 3. कालचक्र और 4. तृप्ति। मेरे इन धारावाहिक को पढ़ कर और अपनी अनमोल समीक्षा दे कर मुझको अनुगृहीत करने का कष्ट करें 🙏🙏

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    bittu ❤️❤️❤️
    30 मई 2022
    बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति है यथार्थ परक रचना है आपकी आदरणीय शुभ प्रभात 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सच्चे हृदय से प्रेम को दर्शाया है आपने 🙏😊🙏😊🙏🙏😊😊🙏🙏😊
  • author
    Poonam Srivastava
    31 मई 2022
    प्रेम और खुशहाल समाज के लिए, ऐसी सीमाये और मर्यादित व्यहार ही जरुरी है. रचना प्यार को सही परिभाषित करती है. अच्छी रचना के लिए बधाई.🙏
  • author
    Surbhi Gupta
    30 मई 2022
    बहुत खूब,,, सुन्दर संदेश देती रचना,,, प्यार और वासना का अंतर जब समझ आ जाए तो समझो जीवन का मूल समझ आ जाए
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    bittu ❤️❤️❤️
    30 मई 2022
    बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति है यथार्थ परक रचना है आपकी आदरणीय शुभ प्रभात 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सच्चे हृदय से प्रेम को दर्शाया है आपने 🙏😊🙏😊🙏🙏😊😊🙏🙏😊
  • author
    Poonam Srivastava
    31 मई 2022
    प्रेम और खुशहाल समाज के लिए, ऐसी सीमाये और मर्यादित व्यहार ही जरुरी है. रचना प्यार को सही परिभाषित करती है. अच्छी रचना के लिए बधाई.🙏
  • author
    Surbhi Gupta
    30 मई 2022
    बहुत खूब,,, सुन्दर संदेश देती रचना,,, प्यार और वासना का अंतर जब समझ आ जाए तो समझो जीवन का मूल समझ आ जाए