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अनजान रिश्ता

4.2
32893

<p>एक औरत की कसमकश जब उसकी जिंदगी में कोई अजनबी दबे पांव दाखिल हो जाये .</p><p> </p>

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लेखक के बारे में
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मृदुल कपिल

प्रकाशित पुस्तकें : चीनी कितने चम्मच ( कहानी संग्रह ) आँचलिक कहानी संग्रह "कानपुर की घातक कथाएँ 1 " एवं मोहब्बत 24 कैरेट प्रकाशित (कहानी संग्रह ) प्रकाशित . सोशल मिडिया ( फेसबुक , ब्लॉग आदि ) पर निरंतर  लेखन , कुछ समाचारपत्रों और पत्रिकाओ में समय समय पर लेख और कहानियो  का  प्रकाशन .

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kanhaiya Pandit
    20 अगस्त 2016
    Review कहानी पूरी लिखा करो ...उसके बाद क्या हुआ? क्या पारूल को नये मित्र से कोई नुकसान पहुंचा ..क्या वो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उस नये संबंध भूल गई ।
  • author
    आदित्य बशिष्ठ
    09 अगस्त 2016
    पारुल की तरह हम सभी को अपने लिए भी जीना चाहिए । अपने शौक, पसंद नापसंदगी का भी ख्याल रखना चाहिए । कहीं न कहीं कोई न कोई हमारा हमख्याल किसी भी मोड़ पर हमसे टकरा सकता है । बहुत लाजबाब अभिव्यक्ति
  • author
    Madhuri Dabsay
    02 मई 2017
    beautiful story.... har ladki ki yahi kahani h chahe vo vivahit ho ya chahe avivahit. qkivshaadi se pehle vo apne mata-pita ki khushi ke loye sab kuch karti h or shaadi ke baad apne pati or uske parivaar ke liye... apni khushi ke liye kabhi kuch nhi kar paati
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    Kanhaiya Pandit
    20 अगस्त 2016
    Review कहानी पूरी लिखा करो ...उसके बाद क्या हुआ? क्या पारूल को नये मित्र से कोई नुकसान पहुंचा ..क्या वो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उस नये संबंध भूल गई ।
  • author
    आदित्य बशिष्ठ
    09 अगस्त 2016
    पारुल की तरह हम सभी को अपने लिए भी जीना चाहिए । अपने शौक, पसंद नापसंदगी का भी ख्याल रखना चाहिए । कहीं न कहीं कोई न कोई हमारा हमख्याल किसी भी मोड़ पर हमसे टकरा सकता है । बहुत लाजबाब अभिव्यक्ति
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    Madhuri Dabsay
    02 मई 2017
    beautiful story.... har ladki ki yahi kahani h chahe vo vivahit ho ya chahe avivahit. qkivshaadi se pehle vo apne mata-pita ki khushi ke loye sab kuch karti h or shaadi ke baad apne pati or uske parivaar ke liye... apni khushi ke liye kabhi kuch nhi kar paati