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अनजाने पते

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उस शहर में अंग्रेजों के ज़माने के बने हुए पीले-सफ़ेद रंग में पुते हुए -मटमैले रंगों के कई बंगले थे जो बैठे हुए बगुलों से लगते थे.जब बाबूजी का ट्रांसफर इस पुराने शहर में हुआ था तब उन्हीं ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Roli Bajpai
    06 जून 2020
    महकता आंचल याद दिला दिया आपने ।बहुत खूब👏
  • author
    मनमोहन कौशिक
    22 जुलाई 2017
    रात की रानी के झरते फूल,चांदनी में गिरती ओस,मंद मलय के झोंके सा आनंद देने वाली कोमल भावों को कलियों से प्रस्फुटन देती एक सुंदर रचना।
  • author
    Poonam Aggarwal
    13 अप्रैल 2020
    बेहद खूबसूरत कहानी । युवावस्था के प्राम्भिक दौर में मन मे पनपने वाले कोमल भावों को सुंदर बिम्बों और उपमानों से अलंकृत करके प्रस्तुत किया है आपने । 👌👌🌹🌹
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    Roli Bajpai
    06 जून 2020
    महकता आंचल याद दिला दिया आपने ।बहुत खूब👏
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    मनमोहन कौशिक
    22 जुलाई 2017
    रात की रानी के झरते फूल,चांदनी में गिरती ओस,मंद मलय के झोंके सा आनंद देने वाली कोमल भावों को कलियों से प्रस्फुटन देती एक सुंदर रचना।
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    Poonam Aggarwal
    13 अप्रैल 2020
    बेहद खूबसूरत कहानी । युवावस्था के प्राम्भिक दौर में मन मे पनपने वाले कोमल भावों को सुंदर बिम्बों और उपमानों से अलंकृत करके प्रस्तुत किया है आपने । 👌👌🌹🌹