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अनिर्णीत युद्ध

3.8
6483

रात के दो बज रहे थे| बाहर हल्की-हल्की बारिश हो रही थी| झींगुर की मधुर आवाज धीरे-धीरे कमरे तक पहुंच रही थी| पास के पेड़ से आने वाली आवाज ये बता रही थी बाहर हवा तेज चल रही थी| पर अमित इन सबसे ...

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लेखक के बारे में

कहानी, कविता, ग़ज़ल, गीत, मुक्तक आदि विभिन्न विधाओं में लेखन। (सपंर्क संख्या : 9907678437 )

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rachit Agrawal
    27 जनवरी 2018
    भावनाओं को काफी सटीक ढंग से पेश किया गया है। भाषा सहज तथा सरल है। कहानी काफी अच्छी लगी।
  • author
    Sharvan Kumarsharma
    16 जुलाई 2017
    यह एक जीवन की वास्तविकता है।
  • author
    Pushpendra Tiwari
    02 नवम्बर 2017
    kya baat hai? real feeling and emotions described.
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  • author
    Rachit Agrawal
    27 जनवरी 2018
    भावनाओं को काफी सटीक ढंग से पेश किया गया है। भाषा सहज तथा सरल है। कहानी काफी अच्छी लगी।
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    Sharvan Kumarsharma
    16 जुलाई 2017
    यह एक जीवन की वास्तविकता है।
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    Pushpendra Tiwari
    02 नवम्बर 2017
    kya baat hai? real feeling and emotions described.