pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अनहोनी

3.2
45337

गजरी की दो दिन में विनु से शादी थी. गजरी विनु को प्राणों से अधिक चाहती थी. उस रात सब महिलाए देर रात तक गीत गा रही थी. गजरी थकान की वजह से जल्द ही छत पर सोने चली गई. उस दिन उसने एक अजीब सपना देखा. सपने में उसने विनु के भाई बैजू को देखा. बैजू पहले इतना आकर्षक कभी न दिखा था. वो बैजू पर मोह पड़ी. बैजू ने उसकी कमर पर हाथ रखा और उसको पास खिंच लिया. वो उन क्षणों में बहक गई. घंटो तक दोनों खुले आसमान में दूर तक देखते रहे. एसा सपना देख गजरी डर से कांप उठी और खुदको गुनेगार समझने लगी. सुबह जल्द उठकर उसने ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
अज्ञात
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vimal Jain
    10 दिसम्बर 2020
    bhai, apni kahani kud bhi pad liya karo. I am sure uske baad aisi kahani post nahi karoge.
  • author
    Prakash Kumar
    17 अप्रैल 2018
    अजीब कहानी है भाई
  • author
    shubham patidar
    23 सितम्बर 2017
    अग्यात मिया इतनी जल्दी में क्यो रहते हो
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vimal Jain
    10 दिसम्बर 2020
    bhai, apni kahani kud bhi pad liya karo. I am sure uske baad aisi kahani post nahi karoge.
  • author
    Prakash Kumar
    17 अप्रैल 2018
    अजीब कहानी है भाई
  • author
    shubham patidar
    23 सितम्बर 2017
    अग्यात मिया इतनी जल्दी में क्यो रहते हो