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अनेकों रूप......

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मैं, हूं किसी की बेटी ,      मैं,   हूं किसी की बहन जब हो कुछ ग़लत आज भी मेरे साथ,   उसको सबकी  ख़ुशी के लिए, कर लेती हूं सहन। हूं किसी की पत्नी मैं   हूं किसी भाभी, ना जाने क्यों माने ना, सारे ...

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लेखक के बारे में
author
Reetu Ashok Mehra

रीतू रानी

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anup Jain
    13 जून 2020
    बहुत ही सुंदर भाव.. ये बात बस कुछ बेवक़ूफ़ लोगों के समझ आ जाए तो दुनिया स्वर्ग बन जाए.. आपके भावों को नमन 🙏
  • author
    Er.Ashok Mehra
    13 जून 2020
    great writting....keep writing
  • author
    Shreya Sharma
    13 जून 2020
    Speechless.....
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anup Jain
    13 जून 2020
    बहुत ही सुंदर भाव.. ये बात बस कुछ बेवक़ूफ़ लोगों के समझ आ जाए तो दुनिया स्वर्ग बन जाए.. आपके भावों को नमन 🙏
  • author
    Er.Ashok Mehra
    13 जून 2020
    great writting....keep writing
  • author
    Shreya Sharma
    13 जून 2020
    Speechless.....