बचपन से ही कहानियां और कविताएं पढने का शौक धीरे- धीरे लिखने का शौक भी बन गया। मुझे कहानियां लिखना बहुत पसंद हैं।मैंने , एम ए (समाज शास्त्र ) और बी०एड० किया हैं। समाज से जुड़े मुद्दे ही मेरे कलम से निकलते हैं, जो महसूस करती हूँ उसे लिख डालती हूँ।
सारांश
बचपन से ही कहानियां और कविताएं पढने का शौक धीरे- धीरे लिखने का शौक भी बन गया। मुझे कहानियां लिखना बहुत पसंद हैं।मैंने , एम ए (समाज शास्त्र ) और बी०एड० किया हैं। समाज से जुड़े मुद्दे ही मेरे कलम से निकलते हैं, जो महसूस करती हूँ उसे लिख डालती हूँ।
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