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अंधेरे से उजाले की ओर

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स्नेहा एक साधारण गृहिणी थी, जिसका जीवन अपने परिवार के इर्द-गिर्द घूमता था। वह अपने दिन की शुरुआत सूर्योदय से पहले करती, घर का कामकाज निपटाती, बच्चों को तैयार करती और अजय को ऑफिस भेजती। उसकी सरलता और ...

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लेखक के बारे में
author
Ritu Goel

वैसे तो खुली किताब हूं मैं, ना समझो तो गहरी पहेली हूं मैं उड़ती हूं परिंदों की तरह खुली हवा आशियाना मेरा

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Gulab Sharma
    20 जून 2024
    बहुत सुन्दर सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर लेखन
  • author
    19 जून 2024
    बढ़िया प्रस्तुति
  • author
    किरण मिश्रा
    19 जून 2024
    बहुत सुंदर कहानी है
  • author
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  • author
    Gulab Sharma
    20 जून 2024
    बहुत सुन्दर सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर लेखन
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    19 जून 2024
    बढ़िया प्रस्तुति
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    किरण मिश्रा
    19 जून 2024
    बहुत सुंदर कहानी है