pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अंधेरा जो वो छोड़ गया

5
3

बारिश की बूंदें खिड़की के शीशे से टकरा रही थीं, जैसे आसमान भी आज उसी की तरह रो रहा था। कमरे में हर ओर सन्नाटा था, और उस सन्नाटे के बीच वो बैठा था – आरव। हाथ में उसकी आखिरी चिट्ठी थी, जो अब भी गुलाब ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Aanchal Sharma
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Divya Divylata
    02 मई 2025
    अति उत्तम , बहुत सुंदर रचना 👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    MD. TAUSEEF ANSARI
    02 मई 2025
    fabulous
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Divya Divylata
    02 मई 2025
    अति उत्तम , बहुत सुंदर रचना 👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    MD. TAUSEEF ANSARI
    02 मई 2025
    fabulous