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अंधेरा

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जैसे सूरज बिन सांझ अंधेरा, जैसे नैन बिन संसार अंधेरा। कर देता है मन को व्याकुल, ये मन का घना अंधेरा। एक राज़ छुपा है इसमें कोई, रोशनी का है प्रतीक अंधेरा। ये अंधेरा कितना गहरा, अंधकार से उजागर करता ...

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लेखक के बारे में
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Rivanshi Agrahari

Hobby become pasion😌

समीक्षा
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    15 जुलाई 2023
    बहुत ही शानदार प्रस्तुति आपकी।
  • author
    Dr Asha Srivastava
    15 जुलाई 2023
    अच्छी रचना
  • author
    15 जुलाई 2023
    बेहतरीन प्रस्तुति।
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    15 जुलाई 2023
    बहुत ही शानदार प्रस्तुति आपकी।
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    Dr Asha Srivastava
    15 जुलाई 2023
    अच्छी रचना
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    15 जुलाई 2023
    बेहतरीन प्रस्तुति।