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अनौखा नाविक

3.6
38

वाकई में संजू, तुम अनौखे नाविक हो। मैंने दीपू, उमेश, मनोहर, राजेश सबको नाव चलाते देखा है, लेकिन तुम्हारे जैसा नाविक कोई नहीं है......

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लेखक के बारे में

*वेबसाइट- www.drpawanesh.com *यू ट्यूब चैनल- Pawanesh Thakurathi * शौक तो बहुत सारे हैं जिंदगी में, मगर पढ़ने और लिखने का जुनून हद से ज्यादा है। * राष्ट्रभाषा और मातृभाषा से अत्यधिक लगाव। हिंदी में कविता और आलोचना की 7 पुस्तकें प्रकाशित। कुमाउनी में साहित्य की नवीन विधाओं में 8 पुस्तकें प्रकाशित। * हिंदी साहित्य में कबीर, सूर और प्रेमचंद प्रिय लेखक हैं। विदेशी लेखकों में स्वेट मार्डन पसंदीदा लेखक हैं। * सर्वाधिक पसंदीदा विषय- प्रेम। * रचनाओं पर आपकी टिप्पणी और आलोचना का सहर्ष स्वागत है।

समीक्षा
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  • author
    Sushma Sharma
    16 जुलाई 2020
    मन खुश हो गया नाव की सैर करके! नाविक तो अच्छे हो ही , अच्छे इंसान भी हो जो दूसरों को खुशी देता है 👍🙏🙏 कितने अच्छे लेखक हैं आप शायद ये बात आप भी जानते हों! छोटी सी कहानी में वो हर रंग है जो एक व्यक्ति को इंसानियत का दर्जा देता है। लाजवाब सृजन👌👌👌 बहुत ही प्यारी कहानी! सारी शिक्षा दे गई🙏🙏 लेखनी को नमन🙏🙏🙏
  • author
    Manju Pant
    17 जुलाई 2020
    वाह बहुत अच्छी सैर है नाव की ,सुन्दर सृजन है ।शिक्षाप्रद भी ।देश दुनियां की सैर कागज की नाव मे ही हो गई । 🙏🌷
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    Sushma Sharma
    16 जुलाई 2020
    मन खुश हो गया नाव की सैर करके! नाविक तो अच्छे हो ही , अच्छे इंसान भी हो जो दूसरों को खुशी देता है 👍🙏🙏 कितने अच्छे लेखक हैं आप शायद ये बात आप भी जानते हों! छोटी सी कहानी में वो हर रंग है जो एक व्यक्ति को इंसानियत का दर्जा देता है। लाजवाब सृजन👌👌👌 बहुत ही प्यारी कहानी! सारी शिक्षा दे गई🙏🙏 लेखनी को नमन🙏🙏🙏
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    Manju Pant
    17 जुलाई 2020
    वाह बहुत अच्छी सैर है नाव की ,सुन्दर सृजन है ।शिक्षाप्रद भी ।देश दुनियां की सैर कागज की नाव मे ही हो गई । 🙏🌷