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हिन्दी

अमीर खुसरो की मुकरियाँ

4.8
890

१. खा गया पी गया दे गया बुत्ता ऐ सखि साजन? ना सखि! कुत्ता! २. लिपट लिपट के वा के सोई छाती से छाती लगा के रोई दांत से दांत बजे तो ताड़ा ऐ सखि साजन? ना सखि! जाड़ा! ३. रात समय वह मेरे आवे भोर भये वह घर ...

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लेखक के बारे में
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अमीर ख़ुसरौ

मूल नाम : अबुल हसन यमीनुद्दीन ख़ुसरौ उपनाम : अमीर खुसरो देहलवी, अमीर खुसरो जन्म : 1253 देहावसान: 1325 भाषा : पर्सियन, उर्दू, हिन्दवी, खड़ी बोली विधाएँ : ग़ज़ल, कव्वाली, मसनवी, रुबाई आदि अबुल हसन यमीनुद्दीन ख़ुसरौ जो कि अपने उपनाम अमीर खुसरो देहलवी से विख्यात हैं, खड़ी बोली हिन्दी के सर्व-प्रथम रचनाकारों में से एक हैं, इन्हे कव्वाली का जनक माना जाता है। इन्हे संगीत की तराना एवम खयाल विधाओं का भी जनक माना जाता है, साथ ही इन्हे अक्सर तबला एवम सितार के अविष्कार का भी श्रेय दिया जाता है. अमीर खुसरो ने भारतीय साहित्य, संगीत एवम भाषा के क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनकी मुकरियाँ, पहेलियाँ और दुसुख़ने भी उतने ही लोकप्रिया हैं जितनी इनकी ग़ज़लें.

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Zeeshan Edrishi
    29 जुलाई 2019
    year ours to bhejo
  • author
    19 दिसम्बर 2018
    उत्तम।।
  • author
    pradeep thakur
    21 नवम्बर 2018
    सार गर्भित।
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    Zeeshan Edrishi
    29 जुलाई 2019
    year ours to bhejo
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    19 दिसम्बर 2018
    उत्तम।।
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    pradeep thakur
    21 नवम्बर 2018
    सार गर्भित।