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अमीर गरीब

4.5
15116

रिश्तों में प्रेम का मूल्य अमीरी या गरीबी से नहीं आँका जा सकता,प्रेम आपसी समझ और निःस्वार्थ भावना का ही दूसरा नाम है,लघुकहानी के माध्यम से इसी बात को दर्शाने का प्रयास किया गया है।

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लेखक के बारे में
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अल्पना नागर

मूलतः राजस्थान की भूमि से,वर्तमान निवास नई दिल्ली।अभिरुचियों में लेखन पठन और गायन मुख्य है।प्रकाशित साहित्य में काव्य संग्रह 'मुट्ठी भर धूप', एक साझा काव्य संग्रह 'बेलगाम' है।अब तक विभिन्न साहित्यिक पत्र पत्रिकाओं में कविताएं व कहानियां प्रकाशित।ब्लॉग-alpananagar.blogspot.in Email - [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    10 मई 2019
    हर औरत को ओर हर पति को ये समझना चाइये की वो दोनो एक दूसरे के पूरक है। केवल रुपये देने से अपनी जिम्मेदारी खत्म नही होती ओर केवल शॉपिंग करने से।
  • author
    Manisha Bisht
    17 फ़रवरी 2018
    सुन्दर कहानी
  • author
    Niraj Agrawal
    10 अप्रैल 2019
    अनुष्का जैसी समझदार लड़की कितनों को मिलती है? वैसे एक अच्छी कहानी।
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    10 मई 2019
    हर औरत को ओर हर पति को ये समझना चाइये की वो दोनो एक दूसरे के पूरक है। केवल रुपये देने से अपनी जिम्मेदारी खत्म नही होती ओर केवल शॉपिंग करने से।
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    Manisha Bisht
    17 फ़रवरी 2018
    सुन्दर कहानी
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    Niraj Agrawal
    10 अप्रैल 2019
    अनुष्का जैसी समझदार लड़की कितनों को मिलती है? वैसे एक अच्छी कहानी।