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अमावस रात काली है

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अमावस रात काली है मगर इस दिन दीवाली है सजी   दीपमालाएं  हाथों में दीपक की थाली है ये आंखे देखती मंज़र जो स्वर्णिम आभा वाली है सभी का दिल हुआ रोशन सभी के मुख पे लाली है। वन्दना सिंह ...

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लेखक के बारे में
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Bandana Singh

एक चाहत संतुष्टि प्राप्त करने की , जो साहित्य के सान्निध्य से सम्भव है । ■वन्दना सिंह -जन्म वाराणसी, ■शिक्षा -एम ॰ ए (समाज शास्त्र ) प्रकाशित रचनाए --सारी कविताएं केवल प्रतिलिपि पर स्व -प्रकाशित ।

समीक्षा
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    18 नवम्बर 2020
    बहुत बढ़िया बहन👌🏻🙏🏻
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    18 नवम्बर 2020
    बहुत बढ़िया बहन👌🏻🙏🏻