pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

आलू की बोरी

5
81

आयुष सुबह उठ कर अपनी पैंट की थैली टटोलता फिर रहा था कभी दायें वाली कभी बाएं वाली। दायी बायी दोनो खाली अब हाँथ पीछे वाली पे डाली भई वो भी खाली गुस्से मे आयुष के मुह से निकली गाली उसी वक्त कमरे मे ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Hemalata Godbole
    07 అక్టోబరు 2022
    बहुत सुंदरकहानी 🐾✍🏼✍🏼🦃
  • author
    Sweta Bhengra
    10 అక్టోబరు 2022
    👍👍
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Hemalata Godbole
    07 అక్టోబరు 2022
    बहुत सुंदरकहानी 🐾✍🏼✍🏼🦃
  • author
    Sweta Bhengra
    10 అక్టోబరు 2022
    👍👍