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अल्लाह काफ़िर है

4.2
1563

महाशिवरात्रि का मेला लगा हुआ है। भोलेनाथ के भक्त हर-हर महादेव के जपते हुए शंकर जी के दर्शन कर उन्हें बिल्व-पत्र और दूध अर्पित कर रहे हैं। चहुँ ओर हर हर महादेव और बम बम भोले की धूम मची है। पुरुष और ...

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Aakash's Effect

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    13 जनवरी 2019
    अच्छा संदेश देने का प्रयास किया आपने। यही विडंबना है कि हम इंसान हर चीज में गलत अर्थ ही ढूँढ लेते हैं, धर्म की स्थापना असत्य और अन्याय के नाश के लिए की गई पर इंसान के पापी मन ने उसमें भी बुराई करने का बहाना ढूँढ लिया। आपको Sapiance: A Brief History of Humankind पढने की सलाह दूंगी।
  • author
    Awais Faridi
    26 जुलाई 2018
    bhai kisi bhi dharm ke bare me bura mt likha kro
  • author
    Anjali Chopra
    02 मार्च 2017
    very nice Ji
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    13 जनवरी 2019
    अच्छा संदेश देने का प्रयास किया आपने। यही विडंबना है कि हम इंसान हर चीज में गलत अर्थ ही ढूँढ लेते हैं, धर्म की स्थापना असत्य और अन्याय के नाश के लिए की गई पर इंसान के पापी मन ने उसमें भी बुराई करने का बहाना ढूँढ लिया। आपको Sapiance: A Brief History of Humankind पढने की सलाह दूंगी।
  • author
    Awais Faridi
    26 जुलाई 2018
    bhai kisi bhi dharm ke bare me bura mt likha kro
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    Anjali Chopra
    02 मार्च 2017
    very nice Ji