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अलीगढ़ की रात

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अलीगढ़ की रात **************** शाम ..मग़रिब के वक़्त नमाज़ पढ़कर निकला था मस्ज़िद के गुम्बद के उस तरफ से चाँद निकल आया था जैसे कोई तपते बुखार में काम पे जाता हो ऐसा ही लगा आज चाँद मुझे सितारों ...

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लेखक के बारे में

उसी दिल के मोड़ पर...

समीक्षा
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  • author
    Sadaf
    31 मई 2020
    बहुत ही बेहतरीन लिखा है आपने 🙏🙏🙏🙏 सच में चांद हमारे बहुत सारी चीजों का राजदार होता है 😂😂😂😂 लेकिन वह हमारी बातें किसी को सुनाता नहीं इसलिए मुझे चांद बहुत पसंद है
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    Sadaf
    31 मई 2020
    बहुत ही बेहतरीन लिखा है आपने 🙏🙏🙏🙏 सच में चांद हमारे बहुत सारी चीजों का राजदार होता है 😂😂😂😂 लेकिन वह हमारी बातें किसी को सुनाता नहीं इसलिए मुझे चांद बहुत पसंद है