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आखिर कब तक साहेब

3.8
278

क्यों न मसल देते हो साहेब अब तो ऊंची औकात हो गयी, बाहर जा के किये उजाला घर में काली रात हो गयी, अमरीका जापान चीन सब घूम लिया फिर अब चुप क्यों, सीमा पर फिर रंगरूटों के खून की बरसात हो गयी! हां क्या ...

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लेखक के बारे में
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अतुल राय

मैं अदना सा कलमकार हूं,खुद को लिखने की कोशिश जमीन से जुड़े रहकर!

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rana Ram Acharya
    15 अगस्त 2023
    अच्छी कविता
  • author
    Manjit Singh
    04 सितम्बर 2020
    बेहतरीन कविता
  • author
    05 फ़रवरी 2020
    बहुत सुन्दर
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    Rana Ram Acharya
    15 अगस्त 2023
    अच्छी कविता
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    Manjit Singh
    04 सितम्बर 2020
    बेहतरीन कविता
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    05 फ़रवरी 2020
    बहुत सुन्दर