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अखबार में नाम

4.1
57

अखबार में नाम   जून का महीना था, दोपहर का समय और धूप कड़ी थी। ड्रिल-मास्टर साहब ड्रिल करा रहे थे।   मास्टर साहब ने लड़कों को एक लाइन में खड़े होकर डबलमार्च करने का आर्डर दिया। लड़कों की लाइन ने मैदान ...

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लेखक के बारे में
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Savita Ji

शब्दो के बहते समुद्र में, मैं कलम की नोका पे सवार हूँ। जो सबके मन की बात कह दे, मैं वो छोटा सा कलाकार हूँ लेखक नहीं हूँ लेकिन लिखने का शोक रखता हूँ विचारो को संजोकर एक नयी पहचान लिखता हूँ शब्दों की ताकत और कलम की मज़बूटी रखता हूँ लेखक नहीं हूँ लेकिन लिखने का शोक रखत! मेरी रुचि इंस्पिरेशनल, प्रेरक, सहित्य एवं सामाजिक लेख लिखने में है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    16 માર્ચ 2021
    कड़वी सच्चाई है,हर कोई सुर्खियां बटोरने में लगा हुआ है; लेकिन किसी सीधे सादे आदमी को अपनी वकालत के बल पर मुआवजा न देने की कला पर प्रकाश डालती कहानी पसंद आई... आगे भी लिखा करें
  • author
    Sushma Mallick
    16 માર્ચ 2021
    ये रचना मौलिक नहीं है। बिहार बोर्ड की नवीं या दसवीं कक्षा में ये कहानी थी।
  • author
    Brajesh Sharma
    25 સપ્ટેમ્બર 2023
    ये कहानी हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक यशपाल की है
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    16 માર્ચ 2021
    कड़वी सच्चाई है,हर कोई सुर्खियां बटोरने में लगा हुआ है; लेकिन किसी सीधे सादे आदमी को अपनी वकालत के बल पर मुआवजा न देने की कला पर प्रकाश डालती कहानी पसंद आई... आगे भी लिखा करें
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    Sushma Mallick
    16 માર્ચ 2021
    ये रचना मौलिक नहीं है। बिहार बोर्ड की नवीं या दसवीं कक्षा में ये कहानी थी।
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    Brajesh Sharma
    25 સપ્ટેમ્બર 2023
    ये कहानी हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक यशपाल की है