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अकेली लड़की

4.3
26805

"वो इधर ही आ रहा है", उसी की तरफ आते देखकर रिद्धिमा की जान साँसत में आ गयी। शाम के 5 बज गए थे और सड़क पर उस शाम गाड़ियां भी नहीं दिख रही थीं। बस भी कमबख्त कितनी देर से नहीं आ रही थी। तिराहे पर इकलौती ...

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लेखक के बारे में
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शशांक भारतीय

अपने और अपने आसपास के बीते हुवे पलों को कहानी और कविताओं का रूप देने की एक अदना कोशिश करता हूँ. अब तक के खुद को उपन्यास "dehaati ladke" में पूरा उतार दिया है. बाकी का मैं बन रहा हूँ...

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dinesh Prajapati
    15 दिसम्बर 2018
    bhai kuchh bhi ho aap ye kahani puri kijiye aur mere mail addrs par plz plz daliye aapki bahut meharbani hogi Q ki ye ghatna mere sath ghat chuki hai purani yaad taza ho gai isliye fir se is pal ko jeena chahta hu plz bro carry on
  • author
    Shainky bhai
    21 फ़रवरी 2019
    Good idea, superb story and great expression. Sir किसी भी story को आप एक्सप्रेस कैसे करते हो कितने बारिकी से ,इसका बहुत ज्यादा इम्पोर्टेन्स होता हैं। आपका एक्सप्रेशन बहुत अच्छा था। आपने छोटी छोटी बातों को जो रिद्धिमा सोच रही थी को भी बहुत अच्छे से एक्सप्रेस किया।जो देशी भाषा अपने use की कुछ जगह जैसे जहिंये, अहिये, आपकी स्टोरी की शोभा को बड़ा रही थी और एक रियलिटी ला रही थी। और सबसे अच्छा diversity थी आपकी स्टोरी में हँसा भी रही थी जैसे बुढ्ढा खुसर और डर भी रही थी साथ मे अपने सोसाइटी के वारे में भी बताया लोगो की सोच गर्ल्स के लिए जो लोग घूर रहे रहे थे और भी बहुत कुछ..... Superb,keep it on...
  • author
    Deepak Kumar
    21 मई 2018
    kahani khoobsurat hai.........par aadhora bhi.......Kya isske aage bhi story continue hai......aagar hai toh Jarur bataiyee.......sukriya.....
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    Dinesh Prajapati
    15 दिसम्बर 2018
    bhai kuchh bhi ho aap ye kahani puri kijiye aur mere mail addrs par plz plz daliye aapki bahut meharbani hogi Q ki ye ghatna mere sath ghat chuki hai purani yaad taza ho gai isliye fir se is pal ko jeena chahta hu plz bro carry on
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    Shainky bhai
    21 फ़रवरी 2019
    Good idea, superb story and great expression. Sir किसी भी story को आप एक्सप्रेस कैसे करते हो कितने बारिकी से ,इसका बहुत ज्यादा इम्पोर्टेन्स होता हैं। आपका एक्सप्रेशन बहुत अच्छा था। आपने छोटी छोटी बातों को जो रिद्धिमा सोच रही थी को भी बहुत अच्छे से एक्सप्रेस किया।जो देशी भाषा अपने use की कुछ जगह जैसे जहिंये, अहिये, आपकी स्टोरी की शोभा को बड़ा रही थी और एक रियलिटी ला रही थी। और सबसे अच्छा diversity थी आपकी स्टोरी में हँसा भी रही थी जैसे बुढ्ढा खुसर और डर भी रही थी साथ मे अपने सोसाइटी के वारे में भी बताया लोगो की सोच गर्ल्स के लिए जो लोग घूर रहे रहे थे और भी बहुत कुछ..... Superb,keep it on...
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    Deepak Kumar
    21 मई 2018
    kahani khoobsurat hai.........par aadhora bhi.......Kya isske aage bhi story continue hai......aagar hai toh Jarur bataiyee.......sukriya.....