बंद थे दिल के दर- ओ -दरवाजे,, ना जाने कैसी सरगोशी हुई।। इश्क़ की एक लहर,, मेरे ज़िस्म को छूती महसूस हुई।। ऐ अजनबी धीरे-धीरे तुमसे ना जाने,, ये कैसा रिश्ता जुड़ गया।। ...
🌹💐💐🌹" शब्दों के फूल चुन -चुन कर मेंने एक माला पिरोई, जिसमें अपने विचारों की अभिव्यक्ति,कहानी,कविता, रचना के रूप में व्यक्त कर रही हूं । मेरे द्वारा स्वंयरचित मेरी रचनाओं को आप सभी अवश्य पढ़िए । पढ़ कर मुझे प्रोत्साहित करिए ।आपको मेरी रचनाएं कैसी लगती हैं ।समीक्षा कर मुझे अवश्य बताएं।
🌹🌹🌹🌹धन्यवाद 🌹🌹🌹🌹
सारांश
🌹💐💐🌹" शब्दों के फूल चुन -चुन कर मेंने एक माला पिरोई, जिसमें अपने विचारों की अभिव्यक्ति,कहानी,कविता, रचना के रूप में व्यक्त कर रही हूं । मेरे द्वारा स्वंयरचित मेरी रचनाओं को आप सभी अवश्य पढ़िए । पढ़ कर मुझे प्रोत्साहित करिए ।आपको मेरी रचनाएं कैसी लगती हैं ।समीक्षा कर मुझे अवश्य बताएं।
🌹🌹🌹🌹धन्यवाद 🌹🌹🌹🌹
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या