ऐनक नक चढ़ा ऐनक , करता अपनी मन मानी , नासिका पर चड़, कान मरोड़े पल पल , पहन ऐनक दुर्लभ लगता प्रत्येक प्राणी, दो डंडी का ढाँचा कांच संभाले रखता, आँखों को नई आस दिलाये रखता ...
ऐनक नक चढ़ा ऐनक , करता अपनी मन मानी , नासिका पर चड़, कान मरोड़े पल पल , पहन ऐनक दुर्लभ लगता प्रत्येक प्राणी, दो डंडी का ढाँचा कांच संभाले रखता, आँखों को नई आस दिलाये रखता ...