सारा धुआँ छट चुका था | सत्तर साल की गायत्री के जले हुए मृत शरीर की चिता की तैयारी चल रही थी | लोग कह रह रहे थे कि वह अपने पिछले जन्मों के पापों की आहुति देकर अब मुक्त हो गयी है | यह सब सुन कर जया के ...
जन्म तिथि और स्थान – ५ फरवरी राजस्थान - भारत
३ – शिक्षा – स्नातक संगीत
४ – कार्य क्षेत्र – साहित्य, संगीत, अध्यात्म और समाज सेवा
५ – प्रकाशित कृतियाँ – कुछ रचनाएँ पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित
६ – सम्मान व पुरस्कार – गायन मंच पर
७ – संप्रति – स्वतंत्र लेखन
८ – ईमेल – [email protected]
सारांश
जन्म तिथि और स्थान – ५ फरवरी राजस्थान - भारत
३ – शिक्षा – स्नातक संगीत
४ – कार्य क्षेत्र – साहित्य, संगीत, अध्यात्म और समाज सेवा
५ – प्रकाशित कृतियाँ – कुछ रचनाएँ पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाशित
६ – सम्मान व पुरस्कार – गायन मंच पर
७ – संप्रति – स्वतंत्र लेखन
८ – ईमेल – [email protected]
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या