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अहम् ब्रह्मास्मि

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" मैं ब्रह्म हूँ।" जटाधारी की बात सुनकर सनी एवं उसके मित्र हंसने लगे। मित्रों संग अमरनाथ की यात्रा पर आए सनी की मुलाकात हिमालय की कन्दरा में डेरा जमाए एक जटाधारी से हुई थी। अद्भुत तेज था ...

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लेखक के बारे में
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Rajni Hada
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Deo narain dubey
    13 जून 2020
    बहुत सुंदर चरणबद्ध रूप से स्व के अस्तित्व का प्रमाण। धन्यवाद जी।🙏🙏💐
  • author
    हरि ओम शर्मा
    13 जून 2020
    जटाधारी कहा बहाने, सुंदर दर्शन का प्रदर्शन किया आपने । अच्छा शिक्षाप्रद लेखन ।
  • author
    बहुत सुंदर प्रेरणात्मक दृष्टांत युक्त कथा
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    Deo narain dubey
    13 जून 2020
    बहुत सुंदर चरणबद्ध रूप से स्व के अस्तित्व का प्रमाण। धन्यवाद जी।🙏🙏💐
  • author
    हरि ओम शर्मा
    13 जून 2020
    जटाधारी कहा बहाने, सुंदर दर्शन का प्रदर्शन किया आपने । अच्छा शिक्षाप्रद लेखन ।
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    बहुत सुंदर प्रेरणात्मक दृष्टांत युक्त कथा