pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अग्नि परीक्षा

5
4

है  अंगार भरा  जीवन पथ, करते रहें समीक्षा। पग -पग   होती रहती, मेरी अग्नि परीक्षा।। किसको समझे अपना साथी, जाने किसे पराया। माया भरे संसार में तो, समझ कोई न आया।। सारे अहंकार में डूबे , देते रहते ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Himlesh Verma
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    mohan lal
    01 जुलाई 2025
    💐🙏💐🙏💐🙏🌹💐💐🙏💐🙏💐बहुत ही शानदार रचना है आपकी मैं आपको समीक्षा देता हूं तो आपको भी समीक्षा देने का अधिकार है अतः आप मुझे भी लाइक शेयर करके प्रोत्साहन राशि अवश्य दें ताकि मैं आदान प्रदान होता रहे जिससे भविष्य में कुछ अच्छा हो धन्यवाद 🙏💐💐🙏💐💐🙏🙏🌹🙏🙏🙏🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹
  • author
    Madhu Sethi
    01 जुलाई 2025
    बहुत ही बढिय़ा भावपूर्ण अहसासों से भरी पंक्तियाँ अच्छी शानदार काव्य रचना आपकी
  • author
    Amit Ji🏳️‍🌈
    02 जुलाई 2025
    बहुत सुंदर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा है 👍👌✍️💐❤️🌹🙏
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    mohan lal
    01 जुलाई 2025
    💐🙏💐🙏💐🙏🌹💐💐🙏💐🙏💐बहुत ही शानदार रचना है आपकी मैं आपको समीक्षा देता हूं तो आपको भी समीक्षा देने का अधिकार है अतः आप मुझे भी लाइक शेयर करके प्रोत्साहन राशि अवश्य दें ताकि मैं आदान प्रदान होता रहे जिससे भविष्य में कुछ अच्छा हो धन्यवाद 🙏💐💐🙏💐💐🙏🙏🌹🙏🙏🙏🙏🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹
  • author
    Madhu Sethi
    01 जुलाई 2025
    बहुत ही बढिय़ा भावपूर्ण अहसासों से भरी पंक्तियाँ अच्छी शानदार काव्य रचना आपकी
  • author
    Amit Ji🏳️‍🌈
    02 जुलाई 2025
    बहुत सुंदर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा है 👍👌✍️💐❤️🌹🙏