pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अगर जीना संभव है तो सब संभव है

5
5

हर रोज हम किसी ने किसी काम को लेकर एक ही शब्द कहते हैं 'यह तो असंभव है' मैं यह कैसे कर पाऊंगा यह मुझसे नहीं होगा। लेकिन एक स्थिति ऐसी बनती है कि उस स्थिति में वह काम पूरा हो जाता है और हमें बहुत खुशी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
वरूण कटारिया

मेरा बचपन का सपना है एक लेखक बनने का और प्रतिलिपि पर आने के बाद मुझे लग रहा है मेरा सपना साकार होने लगा है अपनी कहानी प्रकाशित करवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट कर हमारे जूते घिस गए थे लेकिन प्रतिलिपि एक ऐसा प्लेटफार्म दिखा जिस पर अपनी कहानी प्रकाशित करके हमने कुछ ना सही लेकिन बहुत लोगों का मान पाया है यह बहुत कुछ है। पूरी प्रतिलिपि को मेरी ओर से शुक्रिया

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    NARENDER Kumar
    13 सितम्बर 2024
    Jai kalam
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    NARENDER Kumar
    13 सितम्बर 2024
    Jai kalam