pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अगर आज मैं चुप रही तो कल मेरे लिए कोई नहीं बोलेगा.

3.8
3057

बंगलूर की पचपन वर्षीय पत्रकार,सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी. उनकी एक पहचान थी जिसकी वजह से वो सबसे अलग थी, वो यह कि तर्क और न्याय आधारित बात करना . अपनी इसी खासियत की वजह से गौरी इतनी मशहूर हुई कि विरोधियों के गले की हड्डी बन गयीं. गौरी लंकेश की मौत वर्तमान व्यवस्था के ताबूत की आखिरी कील है. उनकी मौत जाया नहीं जायेगी.लेकिन आज अगर मैं चुप रही तो कल मेरे लिए भी कोई आवाज उठाने वाला नहीं होगा. गौरी की हुई हत्या इस बात का प्रमाण है कि वो गौरी से डरते थे और डर ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
आरिफा एविस
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vishal Gupta
    21 मई 2018
    यही आवाज तस्लीमा नसरीन के लिए भी उठाएगी आप...अगर हा तो इस्लामिक कट्टरपंथी को छुने की हिम्मत क्यो नही हुई पुरे पोस्ट मे
  • author
    Atul Rastogi
    26 मार्च 2018
    किसी को अधिकार नहीं की वह किसी की जान ले परन्तु जब ब्यक्ति का पागलपन बढ जाता है और वो देश एवं समाज के लिये घातक हो जाता है तो कुछ उससे भी बडे पागल जो देशप्रेमी होते है उनका वध कर देते है।लेफ्ट विचार धारा ऐसी ही है अतः आप भी त्याग दे वर्ना ये आवाज भी किसी पागल के कानो मे उत्पात मचाया तो आप भी काल-कल्वित हो जायेगी महोदया और ये सामाजिक रूप से मुझे सदैव गलत लगता है।चुकी भारतीय कानून से आप बच सकते है परन्तु सच्चा देशप्रेमी आपलोगो को कभी माफ नहीं करेगा हम जैसे कायर देशप्रेमी की बात अलग है हम जैसे इतना हौसला नहीं रखते परन्तु सावधान देशप्रेमी जाग चुके है रास्ता बदल ले बेहतर है।
  • author
    Vikash Singh
    09 सितम्बर 2017
    उसकी मृत्यु पर दुख तो हुआ,किंतु ये कह देना कि वो तूर्रम खां थी |ये तो वही बात है कि थोथा चना बाजे घना |जितने पत्रकारों का नाम लिया है, सब मे एक ही बात कॉमन है - सब लेफ्ट विंग के कमांडर थे |इसलिए आपको चुप रहना भी नहीं चाहिए क्यूँकि आज आप चुप रही तो कल आपके लिए आवाज कौन उठाएगा??
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vishal Gupta
    21 मई 2018
    यही आवाज तस्लीमा नसरीन के लिए भी उठाएगी आप...अगर हा तो इस्लामिक कट्टरपंथी को छुने की हिम्मत क्यो नही हुई पुरे पोस्ट मे
  • author
    Atul Rastogi
    26 मार्च 2018
    किसी को अधिकार नहीं की वह किसी की जान ले परन्तु जब ब्यक्ति का पागलपन बढ जाता है और वो देश एवं समाज के लिये घातक हो जाता है तो कुछ उससे भी बडे पागल जो देशप्रेमी होते है उनका वध कर देते है।लेफ्ट विचार धारा ऐसी ही है अतः आप भी त्याग दे वर्ना ये आवाज भी किसी पागल के कानो मे उत्पात मचाया तो आप भी काल-कल्वित हो जायेगी महोदया और ये सामाजिक रूप से मुझे सदैव गलत लगता है।चुकी भारतीय कानून से आप बच सकते है परन्तु सच्चा देशप्रेमी आपलोगो को कभी माफ नहीं करेगा हम जैसे कायर देशप्रेमी की बात अलग है हम जैसे इतना हौसला नहीं रखते परन्तु सावधान देशप्रेमी जाग चुके है रास्ता बदल ले बेहतर है।
  • author
    Vikash Singh
    09 सितम्बर 2017
    उसकी मृत्यु पर दुख तो हुआ,किंतु ये कह देना कि वो तूर्रम खां थी |ये तो वही बात है कि थोथा चना बाजे घना |जितने पत्रकारों का नाम लिया है, सब मे एक ही बात कॉमन है - सब लेफ्ट विंग के कमांडर थे |इसलिए आपको चुप रहना भी नहीं चाहिए क्यूँकि आज आप चुप रही तो कल आपके लिए आवाज कौन उठाएगा??