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अदृश्य जाल (कहानी) - अनिता प्रताप

4.2
59

अदृश्य जाल (कहानी)  - अनिता प्रताप  (तरक्की एवं शहरी जीवन की चकाचौंध इस तरह इंसान को एक अदृश्य जाल में फंसा देता है, जहाँ से निकलना असंभव-सा लगाने लगता है ...... ) गर्मियों के  सुहावने दिन की ...

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लेखक के बारे में
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Anita Pratap

हिंदी अध्यापिका, संस्कृति स्कूल, चाणक्य पुरी, नई दिल्ली। (मेरे द्वारा यहाँ प्रकाशित सभी रचनाएँ मेरी स्वरचित हैं तथा सभी रचनाओं के सर्वाधिकार सुरक्षित है।)

समीक्षा
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  • author
    Rajkumari Mansukhani
    13 अगस्त 2020
    bahut hi sunder varnan aur ek pyara message bhi
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    Rajkumari Mansukhani
    13 अगस्त 2020
    bahut hi sunder varnan aur ek pyara message bhi