pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

अधूरी बिन तेरे

5
13

आज खिले से लग रहे हैं फूल डालियों में धूप हवा हंस रही थी वह रातापानी क्यारियों में सुंदर सुंदर बगीचा में बहार ही बहार छाई थी बिना मौसम के एक रोज व रुचि भी आई थी रंग बिरंगी तितलियां उड़ रही थी घूम ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
ई0 रमाकान्त

Name-Ramakant Father's name - Babu lal Mother's name-Ram Murti District - HARDOI/UNNAO UP. मुझे पुस्तकें पढ़ने का शौक है। मैं कहानी और कविता नहीं लिखता हूँ। मैं हकीकत और अपने विचार लिखता हूँ। मेरे मन में जो भावनायें उत्पन्न होती रहती है उसी के अनुसार मैं कुछ न कुछ लिखता रहता हूँ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शेष कुमार "दीपक"
    01 जून 2020
    सुन्दर रचना पर प्रस्तुति भी
  • author
    sanjay abhay
    02 जून 2020
    Good
  • author
    Sandeep Kumar
    01 जून 2020
    sunder
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शेष कुमार "दीपक"
    01 जून 2020
    सुन्दर रचना पर प्रस्तुति भी
  • author
    sanjay abhay
    02 जून 2020
    Good
  • author
    Sandeep Kumar
    01 जून 2020
    sunder