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अधूरी बिन तेरे

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आज खिले से लग रहे हैं फूल डालियों में धूप हवा हंस रही थी वह रातापानी क्यारियों में सुंदर सुंदर बगीचा में बहार ही बहार छाई थी बिना मौसम के एक रोज व रुचि भी आई थी रंग बिरंगी तितलियां उड़ रही थी घूम ...