दोपहर को सारा काम निपटाने के बाद थोड़ा सुस्ताने को अभी लेटी ही थी कि फोन की घंटी बज उठी।फोन उठाया ,अभी पूछती उससे पहले ही बिना एक पल गंवाए पूछा गया कि ,"क्या आप श्रीमती चन्द्रन बोल रही हैं?" बोलने ...
डा.सुरेखा शर्मा (पूर्व हिन्दी/संस्कृत विभागाध्यक्ष) सदस्या -नीति आयोग,
समीक्षक /स्वतन्त्र लेखन.
पच्चास से अधिक कहानियां,आलेख,व्यंग्य, कविताएं, नाटक आदि विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित ।
दो कहानी संग्रह, बाल कविता,बाल एकांकी का प्रकाशन ।
सम्प्रति -कादम्बिनी क्लब गुड़गांव संचालिका
सारांश
<p>डा.सुरेखा शर्मा (पूर्व हिन्दी/संस्कृत विभागाध्यक्ष) सदस्या -नीति आयोग,<br />
समीक्षक /स्वतन्त्र लेखन.<br />
पच्चास से अधिक कहानियां,आलेख,व्यंग्य, कविताएं, नाटक आदि विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित ।<br />
दो कहानी संग्रह, बाल कविता,बाल एकांकी का प्रकाशन ।<br />
सम्प्रति -कादम्बिनी क्लब गुड़गांव संचालिका</p>
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