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हिन्दी

अद्भुत मिलन

4.6
9150

दोपहर को सारा काम निपटाने के बाद थोड़ा सुस्ताने को अभी लेटी ही थी कि फोन की घंटी बज उठी।फोन उठाया ,अभी पूछती उससे पहले ही बिना एक पल गंवाए पूछा गया कि ,"क्या आप श्रीमती चन्द्रन बोल रही हैं?" बोलने ...

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लेखक के बारे में
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सुरेखा शर्मा

डा.सुरेखा शर्मा (पूर्व हिन्दी/संस्कृत विभागाध्यक्ष) सदस्या -नीति आयोग, समीक्षक /स्वतन्त्र लेखन. पच्चास से अधिक कहानियां,आलेख,व्यंग्य, कविताएं, नाटक आदि विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित । दो कहानी संग्रह, बाल कविता,बाल एकांकी का प्रकाशन । सम्प्रति -कादम्बिनी क्लब गुड़गांव संचालिका

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    वीना सिंह
    25 मई 2017
    भावुक करने वाली कहानी .बहुत खूब
  • author
    कहानी Café
    23 मई 2017
    बेहद अच्छी रचना, मैम। मौका मिले तो मेरी कोई कहानी पढ़ कर अपनी टिप्पणी दीजियेगा। विश्वास है कि लेखनी मेरी सुधरेगी।
  • author
    Anju Chouhan
    20 मार्च 2018
    adbhut milan
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    वीना सिंह
    25 मई 2017
    भावुक करने वाली कहानी .बहुत खूब
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    कहानी Café
    23 मई 2017
    बेहद अच्छी रचना, मैम। मौका मिले तो मेरी कोई कहानी पढ़ कर अपनी टिप्पणी दीजियेगा। विश्वास है कि लेखनी मेरी सुधरेगी।
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    Anju Chouhan
    20 मार्च 2018
    adbhut milan