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आदर्श सास आज्ञाकारी बहू

4.3
1366

आज रजनी को देखने वाले आने वाले थे, रजनी का चेहरा शर्म से बिल्कुल लाल था होता भी क्यों नहीं क्यों की उसका वो अहम दिन था। रजनी के मां और पापा घर के कामों में लगे हुए थे क्युकी कही बात नहीं बिगड़ ...

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लेखक के बारे में

मुझे उपन्यास हिंदी कविताएं और कहानियां पढ़ना पसंद है।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pushpendra Thakur
    27 ಸೆಪ್ಟೆಂಬರ್ 2020
    एक सामाजिक तानेबाने को प्रस्तुत करती एक उतकृष्ठ कहानीयों में एक जय श्री राम 🙏🙏
  • author
    Jiwan Sameer
    18 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2018
    समझ की तारीफ करनी पड़ेगी आपकी। हां रचनात्मकता सृजन में खामी है।
  • author
    Anjana Sharma
    19 ಫೆಬ್ರವರಿ 2021
    राधिका जी अपने एक नई सोच की रचना की है आप बधाई की पात्र है
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    Pushpendra Thakur
    27 ಸೆಪ್ಟೆಂಬರ್ 2020
    एक सामाजिक तानेबाने को प्रस्तुत करती एक उतकृष्ठ कहानीयों में एक जय श्री राम 🙏🙏
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    Jiwan Sameer
    18 ಅಕ್ಟೋಬರ್ 2018
    समझ की तारीफ करनी पड़ेगी आपकी। हां रचनात्मकता सृजन में खामी है।
  • author
    Anjana Sharma
    19 ಫೆಬ್ರವರಿ 2021
    राधिका जी अपने एक नई सोच की रचना की है आप बधाई की पात्र है